
ग्रामीणों ने बताया कि यह समस्या विगत दस वर्ष से है, लेकिन किसी जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं है। सांसद, विधायक, जिला परिषद सदस्य, मुखिया समेत सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया गया था, लेकिन जलजमाव से छुटकारा के लिए कोई निदान नहीं निकल सका। ग्रामीणों ने बताया कि पहले बारिश और नाली पानी निकल बधार और खेतों के रास्ते कायमनगर नदी तक पहुंचता था। जिस रास्ते से पानी बहता था अब उस सरकारी जमीन पर आधा दर्जन लोगों ने कच्चा पक्का मकान बना लिया है। जिससे सड़क पर जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को होती है क्योंकि सड़क का पानी पास के ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय मटियारा के पास भी होने से स्कूली बच्चे स्कूल नहीं पहुँच सकते हैं। स्कूल के शिक्षकों की माने तो सड़क पर पानी जमने से करीब 60 फीसदी बच्चे स्कूल नहीं पहुँच पा रहे हैं। बहरहाल अब देखने वाली बात होगी कि दशकों से सड़क पर जलजमाव से नारकीय जीवन जी रहे दर्जनों गाँव के लोगों को स्थानीय जनप्रतिनिधि कब तक छुटकारा दिलवा पाते हैं।