कोरोना काल के बीच पहली बार जिले में हर्षोल्लास के साथ नवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा है.नवरात्रा के सातवें दिन मंदिरों का पट खुलते ही भक्तों ने सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए माँ दुर्गा के जयकारों के साथ माता का दर्शन किया. मंगलवार को माता के सातवें रूप माँ कालरात्रि की पूजा की गई.

कोइलवर के बुधन बाबा ने कहा कि माँ कालरात्रि की पूजा करने से भक्त भयमुक्त रहते हैं. उनपर किसी दुष्ट का कोई असर नहीं पड़ता है.उनपर सदैव माता की कृपा बनी रहती है. पूजा पंडाल में शंखध्वनि एवं घंटा बजने से पूरा माहौल भक्तिमय बन गया है. मालूम हो कि नवरात्रि के आठवें दिन यानी बुधवार को मां महागौरी की पूजा होगी. वही गुरुवार के दिन नवरात्रि का समापन होगा. इस दिन मां आदिशक्ति भवानी के नौवें स्वरूप माता सिद्धिदात्री का पूजन किया जायेगा.इसके बाद मां के भक्त नवरात्रि के नौ दिनों के व्रत का पारण करेंगे.
जिले में आकर्षण का केंद्र रहेगा ये पंडाल
आरा बाजार समिति में दिल्ली का लक्ष्मी नारायण मंदिर,पकड़ी सर्किट हाउस के समीप दक्षिण भारत का शृंगेनी मठ, कोईलवर नवोदय पूजा समिति में चंद्रयान 2 ,चंदवा में दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर, कतीरा में विक्टोरिया मेमोरियल हॉल,बुढ़िया माई बस स्टैंड के समीप चंद्रयान पंडाल बन रहा है जो आकर्षक का केंद्र रहेगा.
जिले में दुर्गा पूजा के दौरान किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी ना हो इसके लिए मजिस्ट्रेट व पुलिस अफसरों के साथ डीएम ने संयुक्त रूप से ब्रीफिंग की है.कोविड-19 के संक्रमण को कम करने के साथ सुरक्षा को देखते हुए सभी अफसरों को जिले में एक दिन 16 अक्टूबर को दिन में ही मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कराने का निर्देश दिया गया है. प्रतिमा विसर्जन के दौरान आरा शहर समेत कोईलवर सोन नदी के किनारे स्थित प्रखंड क्षेत्र में कड़ी निगरानी करने को कहा गया है. वही पूजा के दौरान हर हाल में डीजे बजाने पर लगी प्रतिबंध का पालन कराने के नियम पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया.