आरा में गांधी जी के आगमन के शताब्दी वर्ष पूरे होने पर विश्व के सबसे बड़े यरवदा चरखे का हुआ लोकार्पण

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भोजपुर में गांधी कार्यक्रम के अंतर्गत आरा में गांधी जी के आगमन के शताब्दी वर्ष को यादगार बनाने के लिए सर्जना न्यास के द्वारा बनाए गए विश्व के सबसे बड़े यरवदा चरके का लोकार्पण केंद्रीय मंत्री सह आरा सांसद राजकुमार सिंह ने किया। मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, कृषि मंत्री स्थानीय विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वजलित कर किया.

आगंतुक अतिथियों द्वारा स्मृति चिन्ह अंग वस्त्र व भोजपुरी चित्रशैली में निर्मित मां दुर्गा की पेंटिंग देकर सम्मानित किया गया। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन जी ने अपने संबोधन के शुरुआत करते हुए सर्जना की पूरी टीम को बधाई दी आजादी के अमृत महोत्सव का इससे सुंदर और आयोजन क्या हो सकता है चरखे पर बने भोजपुरी चित्रकला के बारे में उन्होंने कहा कि हमारे दैनिक जीवन में रचा बसा है दिन-ब-दिन हमें इस लोककला को भूलते जा रहे हैं भोजपुरी पेंटिंग से सुसज्जित इस यरवदा चरखी को आम जनमानस व भावी पीढ़ियों के द्वारा अवलोकन व गांधी जी के आगमन को यादगार बनाने के लिए इस चरखे को उचित स्थान दिलवाउगा। उन्होंने अपने संबोधन में कोहबर पीढ़ियां छठ पूजा व उससे जुड़े डाक टिकट आदि की भी चर्चा की आजादी की लड़ाई में हुए संघर्षों व बलिदान को याद रखने के लिए व लोक कलाओं को जीवंत बनाए रखने के लिए ऐसे आयोजनों की आवश्यकता है स्वास्थ्यमंत्री मंगल पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि सबसे पहले मैं संजीव वह उनकी पूरी टीम का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं और भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए शुभकामनाएं भी देता हूं आगे का संबोधन भोजपुरी में करते हुए उन्होंने कहा कि देख कर बड़ी अच्छा लागल माटी के घर पर बनल भोजपुरी चित्र यह चरखा पर बनल बा । वही बिहार के कृषि मंत्री व स्थानीय विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कार्यक्रम के स्वरूप की अवधारणा ही अद्भुत प्रेरणा का स्रोत है यह चरखा आजादी की लड़ाई को यादगार बनाए रखने में सहायक होगा गांधीजी वह तत्कालीन नेताओं के भोजपुर आगमन व उस दौरान घटित घटनाओं पर प्रकाश डाला उन्होंने बताया मेरे घर पर अन्य देवी देवताओं के साथ गांधी जी की भी पूजा होती थी उन्होंने बताया उनकी दादी द्वारा गांधीजी के लंबे हाथों को दिखाते हुए उन्हें साक्षात नारायण का अवतार बताती थी गांधीजी की आरा स्टेशन बाल हिंदी पुस्तकालय व जमीरा तक टमटम पर बैठकर जाने की घटना पर भी प्रकाश डाला। केंद्रीय मंत्री व स्थानीय सांसद राजकुमार सिंह ने संबोधित करते हुए कहा इस प्रकार का आयोजन से स्वतंत्रता आंदोलन के चित्र मानस पटल पर अंकित हो जाते हैं यह बिहार ही हैं जिसने गांधी को महात्मा गांधी बताया लोग गांधी के बिहार आगमन को चंपारण तक ही सीमित करके छोड़ देते हैं आरा में ऐसे करके का निर्माण और उनके तीन बार आगमन उनके आगमन की गवाही देगा गांधी जी को यह देश भूल नहीं सकता और उनके सपनों को साकार करने का काम हम करेंगे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार श्री बृजम पांडे, धन्यवाद ज्ञापन सर्जना के अध्यक्ष संजीव सिन्हा ने किया इस विश्व के सबसे बड़े यरवदा चरके के निर्माण में आशीष मदुरई श्रील दीपा विष्णु शंकर अमन विभुति कुमारी आदि का योगदान रहा।

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