वैश्विक संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने को लेकर हर तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं। फिर वो सम्पूर्ण लॉक डाउन का पालन हो या टीका महाभियान, या फिर रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के मद्देनजर आयुष मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश। केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एडवाइजरी के तहत बताए गए प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काफी कारगर और साइड इफैक्ट रहित हैं। जिसमें बताया गया है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्घति सदियों पुरानी प्रमाणिक चिकित्सा पद्घति है। इसे अपनाकर हम अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं।
सुरक्षित रहने व प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय :-
• आयुष मंत्रालय के सुझाव के मुताबिक दिन भर गर्म या हल्का गुनगुना पानी पीते रहें।
• घर पर रहकर दिन में कम से कम 30 मिनट तक योगासन, अनुलोम विलोम व प्रणायाम करें। यह ऑक्सीज़न कि कमी दूर करने के लिए कारगर है।
• भोजन में इस्तेमाल मसालों में हल्दी, धनिया, जीरा, लहसुन का प्रयोग करें।
• च्यवनप्राश रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में सहायक है. इसलिए सुबह- शाम एक एक चम्मच लें। लेकिन मधुमेह रोगी शुगर फ्री च्यवनप्राश ही लें।
• सोने से पहले हल्दी वाला दूध लें।
• हर्बल चाय, तुलसी काढ़ा, दालचीनी, कालीमिर्च, सौंठ व मुनक्का का दिन में कम से कम दो बार प्रयोग करें।
• जरूरत के अनुसार नींबू पानी का सेवन कर सकते हैं।
• दिन में 2-3 बार लौंग के पाउडर में शहद मिलाकर सेवन करें।
बदलते मौसम में इमम्युनिटी कि जरूरत ज्यादा :-
यास और तौकते के कारण हुये आकस्मिक जलवायु परिवर्तन और बारिश के कारण अभी सब तरफ पानी भरा हुआ है। ऐसे में मच्छरों के काटने से मलेरिया और दूसरे जलजनित रोगों से बचने के लिए भी हमे अभी मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता कि बेहद जरूरत है। कोरोना वायरस एक इन्फ्लुएंजा है, जिसके लक्षण एक फ्लू की भांति ही हैं। आमतौर पर बुखार, सर्दी, जुकाम, नजला, सूखी खांसी जैसी परेशानी से निपटने में आयुर्वेद के नुस्खे काफी मददगार साबित होते हैं।
टीके के डोज़ और कोविड अनुरूप आचरण कि आवश्यकता को न करें नजरअंदाज :-
कोविड वायरस को खत्म करने के लिए टीके के दोनों डोज़ लेने के अलावा सुरक्षा का कोई भी स्थायी विलकल्प नहीं है। यह प्रमाणित हो चुका है कि टीका लेने वालों में संक्रमित होने कि आशंका टीका नहीं लेने वालों कि अपेक्षा काफी कम होती है। वैक्सीन के दोनों डोज़ मिलकर शरीर में एंटीबॉडी विकसित करता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है। इनमें से यदि एक भी डोज़ छूटा तो एंटीबोडिस द्वारा बनाए गए शरीर के सुरक्षा चक्र में रुकावट आ जाती है। जब टीका लेने वालों की संख्या 95 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी, तब संक्रमित होने वालों की संख्या अपने आप कम हो जाएगी| जितने अधिक लोग टीका लेंगे, कोरोना की चेन उतनी तेजी से टूटेगी। इसलिए टीकाकरण अभियान में सहयोग करें और दूसरों को भी प्रेरित करें तथा जब तक टीकाकरण अभियान शत प्रतिशत सफल नहीं होता है, तब तक कोविड अनुरूप आचरणों व मास्क प्रयोग को नजरअंदाज ना करें।