अस्पताल से डॉक्टर गायब, मरीज परेशान

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  1. जिले के कोईलवर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल बेहाल है.स्वास्थ्य केंद्र में 3 घंटे से कोई डॉक्टर के नही रहने से मरीजो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.शाम करीब 5:30 बजे एक डॉक्टर के चले जाने के बाद से रात के 8 बजे तक कोई डॉक्टर अस्पताल में नही उपस्थित था.डॉक्टर की उपस्थिति नही होने के कारण जहां कुछ मरीज मजबूरन लौट गए वही कुछ मरीज डॉक्टर का इंतजार करते रहें.जब खबरी आलोक के संवाददाता 7:30 बजे अस्पताल पहुँचे तो वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था डॉक्टर का चेंबर खाली पड़ा था अस्पताल के एक गार्ड से बात करने पर उन्होंने बताया कि 5:30 बजे के बाद से कोई डॉक्टर नहीं है.कई मरीज आये और हमें ही बुरा भला कहकर चले गए.वही जब एएनएम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम तो मरीजो को दिखाने के पुर्जा भी नही काट रहे क्योंकि कोई डॉक्टर ही नहीं है तो पुर्जा क्यों बनाये.अस्पताल पहुँचे मरीजो ने अस्पताल प्रबंधन पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि कोरोना जैसी विकट स्थिति में अस्पताल में कोई डॉक्टर का ना होना गैरजिम्मेदाराना है.ऐसे दोषियों पर सरकार करवाई करें.

क्या हैं मामला

डॉक्टर के नही रहने के बारे में जब अस्पताल के एक गार्ड से पूछा गया तो उन्होंने बताया शाम 5:30 बजे डॉक्टर उमेश कुमार ड्यूटी कर गए है जिसके बाद रोस्टर के अनुसार डॉक्टर नीलम कुमारी की ड्यूटी थी.लेकिन वो भी रात्रि 8 बजे अस्पताल नहीं आई.दूरभाष से सम्पर्क करने पर उन्होंने बताया कि उनके पति कोरोना पॉजिटिव है.जिस कारण वो छुट्टी में हैं,मालूम हो कि पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी नवीन कुमार कोरोना संक्रमित है.जिस कारण डॉक्टर नीलम कुमारी को पीएचसी के प्रभार में हैं. डॉ० नीलम कुमारी ने बताया कि उन्होंने गुरुवार की रात्रि ड्यूटी डॉ आज़म खान का था. लेकिन सूचना मिली को वो भी ड्यूटी पर नहीं गये हैं. इधर दूरभाष पर बात करने पर डॉक्टर आज़म खान ने बताया कि उनकी ड्यूटी लगने की कोई सूचना उन्हें नहीं दी गई है.अस्पताल प्रबंधन भी कोई फोनिक सूचना नहीं दी इस कारण वो अस्पताल नही आये. इस सम्बंध में जब भोजपुर डीएम से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नही हो सका वही जिले के सिविल सर्जन का सरकारी नंबर भी बंद आ रहा था. जब भोजपुर के एसडीएम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं दिखवाता हूँ. सवाल ये की कोरोना काल के इस संकट के घड़ी में अस्पताल में डॉक्टर नही होना कही न कही अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही है.

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